आँखों को खोलकर समझदारी का रास्ता चुने
ज़िन्दगी एक जंगल है, और हर कोई अपनी बारी में जानवर बन जाता है। कई लोग अपनी नाजुकता का इस्तेमाल करते हैं, दूसरे धूर्त होकर चलते हैं। परंतु
ज़िन्दगी एक जंगल है, और हर कोई अपनी बारी में जानवर बन जाता है। कई लोग अपनी नाजुकता का इस्तेमाल करते हैं, दूसरे धूर्त होकर चलते हैं। परंतु